Rao Ganga राव गांगा (1515-1532 ई.)
राव गांगा मारवाड़ का शासक बना यह राव सूजा का पौत्र था । राव गांगा ने राणा सांगा से मित्रता कर अपनी समस्याओं का अंत किया।
मुगल शासक बाबर और राणा सांगा के बीच भरतपुर जिले के खानवा नामक स्थान में हुआ, खानवा के युद्ध में राव गांगा ने अपने पुत्र राव मालदेव के नेतृत्व में चार हजार सैनिक भेजकर राणा सांगा की मदद की ।
Rao Ganga
गांगा का व्यक्तित्व
राव गांगा ने जोधपुर शहर के गांगालाव तालाब और गांगा की बावड़ी बनायी। उसके में सिरोही से लायी हुई श्यामजी की मूर्ति उसके नाम पर गंगश्याम के नाम से प्रसिद्ध हुई।
राव गांगा की मृत्यु
डॉ. ओझा इसके विपरीत लिखते हैं कि कुँवर मालदेव बड़ा महत्त्वाकांक्षी था। उसने अफीम की पिनक में बैठे हुए राव गांगा को ऊपर खिड़की से नीचे गिरा दिया, जिससे उसकी मृत्यु हो गयी।
मुण्डियार’ ख्यात में दिये गये एक दोहे से स्पष्ट है कि उस समय मालदेव ने भाँण और पुरोहित मूला पर वार किया जो राव गांगा के अंगरक्षक थे। जोधपुर राज्य की ख्यात से भी गांगा को झरोखे से मालदेव के द्वारा गिराना स्पष्ट है।
रेऊजी का कहना है कि सन् 1532 के एक दिन राव गांगा अफीम की पिनक में झपकी लेने के कारण अपने महलों की एक खिड़की से गिरकर मर गया।
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