INSCRIPTION COPPER PLATES OF RAJASTHAN राजस्थान के अभिलेख ताम्रपत्र
INSCRIPTION COPPER PLATES OF RAJASTHAN
Table of Contents
राजस्थान के अभिलेख ताम्रपत्र
ताम्रपत्र
इतिहास निर्माण में ताम्रपत्रों का भी महत्त्वपूर्ण स्थान है। प्रायः राजा या ठिकाने के सामंतों द्वारा ईनाम, दान-पुण्य, जागीर आदि अनुदानों को ताम्रपत्रों पर खुदवाकर अनुदान प्राप्तकर्त्ता को दे दिया जाता था जिसे वह अपने पास संभाल कर पीढ़ी दर पीढ़ी रख सकता था ।
ताम्रपत्रों में पहले संस्कृत भाषा का प्रयोग किया गया परंतु बाद में स्थानीय भाषा का प्रयोग किया जाने लगा।
दानपत्र में राजा अथवा दानदाता का नाम, अनुदान पाने वाले का नाम, अनुदान देने का कारण, अनुदान में दी गई भूमि का विवरण, समय तथा अन्य जानकारी का उल्लेख किया जाता था।
इसलिए दानपत्रों से हमें कई राजनीतिक घटनाओं, आर्थिक स्थिति, धार्मिक विश्वासों, जातिगत स्थिति आदि के बारे में उपयोगी जानकारी मिलती है।
कई बार दान पत्रों से विविध राजवंशों के वंश क्रम को निर्धारित करने में भी सहायता मिलती है।
आहड़ के ताम्रपत्र(1206 ई.)
आहड़ के ताम्रपत्र (1206 ई.) में गुजरात के मूलराज से लेकर भीमदेव द्वितीय तक सोलंकी राजाओं की वंशावली दी गई है।
इससे यह भी पता चलता है कि भीमदेव (BHIMDEV) के समय में मेवाड़ पर गुजरात का प्रभुत्व था।
INSCRIPTION COPPER PLATES OF RAJASTHAN
खेरोदा के ताम्रपत्र (1437 ई.)
खेरोदा के ताम्रपत्र ( 1437 ई.) से एकलिंगजी में महाराणा कुंभा द्वारा दान दिये गये खेतों के आस-पास से गुजरने वाले मुख्य मार्गों, उस समय में प्रचलित मुद्रा, धार्मिक स्थिति आदि की जानकारी मिलती है।
चीकली ताम्रपत्र (1483 ई.)
चीकली ताम्रपत्र (1483 ई.) से किसानों से वसूली जाने वाली विविध लाग-बागों का पता चलता है।
पुर के ताम्रपत्र (1535 ई.)
पुर के ताम्रपत्र ( 1535 ई.) से हाड़ी रानी कर्मावती द्वारा जौहर में प्रवेश करते समय दिये गये भूमि अनुदान की जानकारी मिलती है।
INSCRIPTION COPPER PLATES OF RAJASTHAN
Read More
यह भी पढे़:- शिवाजी
यह भी पढे़:- राव चंद्रसेन
यह भी पढे़:- महाराणा सांगा
यह भी पढे़:- महाराणा कुम्भा
यह भी पढे़:- महाराणा प्रताप
यह भी पढे़:- हम्मीर देव चौहान (1282-1301 ई.)
यह भी पढे़:- बावड़ी
यह भी पढे़:- प्रकाश
यह भी पढे़:- पृष्ठ तनाव और श्यानता
यह भी पढे़:- सामान्य विज्ञान अध्ययन
यह भी पढे़:- ऊष्मा
यह भी पढे़:- उत्प्लावकता एवं आर्किमिडीज नियम
यह भी पढे़:- बल और गति
INSCRIPTION COPPER PLATES OF RAJASTHAN
यह भी पढे़:- विद्युत का दैनिक जीवन में उपयोग
यह भी पढे़:- विद्युत चुम्बकीय प्रेरण
यह भी पढे़:- बिजली
यह भी पढे़:- मूल राशियाँ एवं मात्रक
यह भी पढे़:- नाडौल के चौहान
यह भी पढे़:- आमेर का कच्छवाहा राजवंश
यह भी पढे़:- भीनमाल (जालौर) के प्रतिहार
यह भी पढे़:- मण्डौर के प्रतिहार
INSCRIPTION COPPER PLATES OF RAJASTHAN
यह भी पढे़:- गुर्जर प्रतिहार वंश
यह भी पढे़:- अलवर की रियासत
यह भी पढे़:- भरतपुर राज्य का जाट वंश
यह भी पढे़:- राजस्थान में प्राचीन सभ्यताओं के पुरातात्विक स्थल
यह भी पढे़:- सिरोही के चौहान
यह भी पढे़:- रणथम्भौर के चौहान
यह भी पढे़:- पृथ्वीराज तृतीय (पृथ्वीराज चौहान)
यह भी पढे़:- राजस्थान में चौहानों का इतिहास
यह भी पढे़:- जालौर के चौहान
यह भी पढे़:- राजस्थान में चौहानों का इतिहास-2
यह भी पढे़:- बापा रावल
यह भी पढे़:- राजस्थान की प्राचीन सभ्यता के स्थल
यह भी पढे़:- हाड़ौती के चौहान
यह भी पढे़:- राजस्थान में संग्रहालय
INSCRIPTION COPPER PLATES OF RAJASTHAN
यह भी पढे़:- राजस्थान के किले
यह भी पढे़:- बावड़ी झील एवं बाग
यह भी पढे़:- राजस्थान का सामान्य ज्ञान
यह भी पढे़:- राजस्थान का इतिहास
यह भी पढे़:- वैदिक साहित्य
यह भी पढे़:- सिन्धु घाटी सभ्यता
यह भी पढे़:- वैदिक सभ्यता
यह भी पढे़:- सिन्धु घाटी सभ्यता के प्रमुख पुरास्थल
यह भी पढे़:- भारत में नोबेल पुरस्कार विजेता
INSCRIPTION COPPER PLATES OF RAJASTHAN
यह भी पढे़:- राजस्थान में प्रचलित प्राचीन सिक्के
यह भी पढे़:- राजस्थान के फ़ारसी शिलालेख